how did oxygen produce on the earth? । पृथ्वी पर ऑक्सीजन का उत्पादन कैसे हुआ?

                           

हम इंसान  कितने आधुनिक बन चुके है।हम लोगो के पास विज्ञान है, टेक्नोलॉजी है।हमरे वैज्ञानिक नए नए तरह की खोज करते रहते है।हम धरती के बाहर जा सकते है, वायु मंडल की हरकतों पर नजर रख सकते है इन सभी में हमें विज्ञान हमारी मदद करता है।वैज्ञानिकों की मदद से इंसानों ने पृथ्वी के अस्तित्व का अनुमान लगाया है।
                 पृथ्वी जिसे हम वसुंधरा कहते है। पृथ्वी जो इंसानों और सभी प्राणियों का घर है।पृथ्वी पर इंसानों और प्राणियों की कितनी सारी पीढ़ियां बीत चुकी है।पृथ्वी ने करोड़ों सालो से हम सभी इंसानों,प्राणियों को आश्रय दिया है,और देता आ रहा है।पर कभी आप ने सोचा है मानव को जीवित रखनेवाला वायु ऑक्सिजन का निर्माण कहा से हुआ?

                         


1.पृथ्वी पर ऑक्सिजन का निर्माण कहा से हुआ?
पृथ्वी जब 5 अरब साल पहिले पथरो और चट्टानों का गोला था,जो एक बेनाम तारे के चक्कर लगाता था।इसकी सतह लावा से बनी थी और उस वक्त इसपर प्राणियों का दुरदुर तक नामोनिशान नहीं था। पृथ्वी पर बार बार छोटे छोटे पत्थर बरसते थे,बहुत सालो तक यह प्रक्रिया शुरू थी,इसके बाद चट्टान जैसे दिखने वाले इस गोल ने ग्रह का रूप ले लिया,और इसी ग्रह से एक पत्थर निकला और उसका चांद बना।उस वक्त पृथ्वी में सिर्फ लावा था इसी वजह से इसका तापमान बहुत ज्यादा था।फिर कुछ सालो बाद इसका तापमान ठंडा हो गया और इसपर ठोस सतह बन गई ।
             4 अरब साल पहिले इसने फिरसे बरसते चट्टानों का सामना किया और इसे the late heavy bombardment कहते है।इस वक्त
चट्टानों के साथ साथ उल्कापिंड की बरसात हुई,रोज करोड़ों की संख्या में उल्कापिंड पृथ्वी पे बरसते थे।ये उल्कापिंड अपने साथ बर्फ के टुकड़े लेके आए थे,जिसने हमारे पृथ्वी पर समुद्र का निर्माण किया और नाइट्रोजन वायु भी लेकर आए।पृथ्वी के वातावरण में अब भी जहरीले गैस मौजूद थे,और धरती की सतह समुद्र से भरी हुई थी।
                   
              3.5 अरब साल पहिले  फिर एक बार उल्कापिंड की बरसात हुई इस बार उल्कापिंड बर्फ के साथ खनिज भी लेके आए साथ ही कार्बन,प्रोटीन और अमीनो एसिड लेके आए थे,इस उल्कापिंड ने अंतरिक्ष से समुद्र के गहराई तक सफर किया।परंतु समुद्र का तापमान काफी काम था,लेकिन पानी में भी छोटे छोटे चिमनीस थी जो की पानी को भी गहराई में भी गरम करने का काम कर रही थी और यही पर जीवन का पहीला बीज बोया गया ऐसा कैसे हुआ ये कोई नहीं जानता।पानी जो उल्कापिंड के सहायता से गिरे हुए गैस और खनिज इनका मिलन होकर पहिले एक कोशिकाओं का जन्म हुआ।ये एक प्रकार के जंतु थे,ये जंतु समुद्र में बहुत तेजी से बढ़ने लगे फिर थोड़े है सालो में समुद्र इन एक कोशिकाओं से भर गया।
           इन जंतु की संख्या बढ़ने के बाद इन्होंने पत्थर के आकार में रूप ले लिया,इसे stromatolites कहा जाता है।ये जंतु सूरज के किरनो को भोजन बनते थे और कुछ नैसर्गिक पदार्थ छोड़ते थे। इस प्रक्रिया  को हम लोग प्रकाश संश्लेषण के नाम से जानते है,ये जंतु जो पदार्थ छोड़ रहे थे वो एक गैस था ऑक्सीजन,जो हम इंसानों को जीवित रखता है। हम लोगो पता है कि जीवन में ओक्सीजन कितना महत्त्व है।

                  ।पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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