how the earth was formed ? । पृथ्वी कैसे बनी ? ।

                    
       दोस्तो,जैसे कि मेंने अपने पिछले पोस्ट में आप लोगो को बताया था कि धरती पे ऑक्सिजन का निर्माण कैसे हुआ था। दोस्तो आप लोगो ने अभी तक वो पोस्ट नहीं बढ़ी है तो नीचे लिंक दी है मैने जाकर पढ़ लीजिए।इस पोस्ट में आप लोग को बताऊंगा how the earth was formed ?मतलब पृथ्वी कैसे बनी ?। 

how did oxygen produce on the earth? । पृथ्वी पर ऑक्सीजन का उत्पादन कैसे हुआ?
                   
                 1. पृथ्वी का पहिला महाद्वीप
      पृथ्वी पे ऑक्सिजन का निर्माण होने के बाद भी पृथ्वी इंसानों और प्राणियों के लिए पूरी तरह विकसित नहीं थी।1.5 अरब साल पहिले धरती पे सिर्फ छोटे छोटे द्वीप ही थे जिनके चारो ओर सिर्फ पानी था,फिर कुछ सालो बाद धरती में फिरसे हलचल होने लगी,इस हलचल के कारण धरती की सतह विवर्तनिक भागो में टूट गई । फिर हलचल के कारण छोटे छोटे द्वीप एकत्रित हुए और एक बड़े द्वीप का निर्माण हुआ,इसका नाम था रोड़ीनिया ।इसी वक्त धरती का तापमान लगभग 30° सेल्सियस था,उस वक्त एक दिन 18 घंटो का था।


2.पृथ्वी पे कार्बनडायॉक्साईड कैसे बढ़ा ? समय के साथ साथ परिस्थितियां बदल रही थी,80 करोड़ साल पहिले धरती का रूप पूरी तरह से बदल गया था।धरती पे बना हुए महाद्वीप रोडीनिया के दो भाग हो गए थे,धरती के नीचे का लावा ज्वालामुखी के विस्फोट के साथ धरती के सतह पे आया।इस विस्फोट के कारण कार्बनडायॉक्साईड की मात्रा काफी बढ गई थी,इसी के वजह से धरती का आसमान इन कार्बनडायॉक्साईड के बादलोंसे भर गया।

3.पृथ्वी पर पहीली बार आम्लवर्षा
इस बादलों से लगातार आम्लवर्षा होने लगी यानी एसिड की बारिश होने लगी थी,इस वजह से धरती पे अधिक से ज्यादा कार्बनडायॉक्साईड चट्टानों पे बर्फ के जैसा जमने लगा और फिर पृथ्वी पर कार्बनडायॉक्साईड का प्रमाण कम होने लगा।फिर धरती सूरज के गर्मी से नहीं बच पा रही थी,धीरे धीरे धरती का तापमान कम होने लगा।

             3.पृथ्वी पे एक कोशिकाओ से बने प्राणी?
  कुछ सालो बाद धरती पे बर्फ की वर्षा होने लगी,यही बर्फ धरती पर ही बढ़ने वाले थे।फिर धीरे धीरे  कार्बनडायॉक्साईड का प्रमाण बढ़ने लगा और पृथ्वी का भी तापमान बढ़ गया।इसी वजह से धरती पे जमे हुई बर्फ पिघलने लगी और फिर से पृथ्वी सामान्य रूप में बदलने लगी,पानी में जो एक कोशिकाए थी वो अब अलग अलग रूप में दिखाई दे रही थी उसी के साथ साथ कुछ अजीब तरह के प्राणी भी दिखाई दे रहे थे।उसमे एक अजीब और आकार में बढ़ा दंताकर समुद्री दानव anomalocaris दिख रहा था,ये कुछ अलग प्राणी की प्रजाति थी जो एक कोशिकाओं से बनी थी।

4.धरती का पहीला हड्डी वाला प्राणी anomalocaris के साथ साथ एक और प्राणी दिखाई दिया PIKAIA इनकी साइज सिर्फ 5 cm थी,इस प्राणी ने अपने अंदर कुछ ऐसा विकसित किया था जो हम इंसानों को काफी मददगार साबित होने वाला था।ये पृथ्वी के पहिले प्राणी थे जिनके पास रिड की हड्डी थी।

5. धरती पर ओझोन वायु का निर्माण
आज से करीब 47 करोड़ साल पहिले धरती पे चलने वाला या उड़ने वाला एक भी प्राणी विकसित नहीं था,ऐसा इस लिए नहीं हो पाता रहा था क्युकी सूरज के घातक किरने धरती पे आ रहे थे।फिर कुछ सालो में पृथ्वी पर ओझोन वायु का निर्माण हुआ।वायुमंडल में ऑक्सिजन सूरज के घातक किरणों को सोख कर ओझोन वायु में बदल रहे थे।इस तरह ओझोंन का थर निर्माण हुआ इस तरह धरती सूरज के घातक किरणों से बचने लगी।

6.धरती पर चलने वाला पहिला प्राणी
ओझोन के थर के कारण सूरज के घातक किरण पृथ्वी पर आना बंद हुए,तभी एक प्राणी समुद्र से धरती के जमीन पर आने का निर्णय लिए वो था TIKTAALIK ये एक प्रकार की मछली थी।इसने आपने पूछ का उपयोग पैरो के रूप में किया और जमीन पे आ गई,समय के साथ ये जमीन पर ज्यादा देर तक रहने लगा,जिसकी मदद से इसके अंग विकसित हुआ।इस प्राणी को विकसित होने के लिए करीब करीब 1.5 करोड़ साल का वक्त लगा इसके बाद ये जमीन पन चलने और रहने के लिए पूरी तरह से विकसित हुआ,इसे tetrapods कहा जाता था।यही प्राणी आगे जाकर डायनासोर्स और इंसानों का रूप लेने वाले थे।

       7.पृथ्वी पर निर्माण हुआ एक और महाद्वीप
आजसे करीब 35 करोड़ साल पहिले धरती पे फिर से ज्वालामुखी का विस्फोट हुआ इसी के कारण पृथ्वी का तापमान काफी बढ़ गया था,सारे पेड़ पौधे सुख गए।इस विस्फोट के बाद धरती पर 95% प्रजातिया नष्ट हो गई,जो प्राणी बचे थे वो सभी ने कुछ भी खाना शुरू कर दिया। करीब 20 करोड़ साल पहिले ज्वालामुखी विस्फोट से निर्माण हुए नए भू भागो में आपस में मिलकर एक और नए महाद्वीप PENGIA निर्माण हुआ।इसके बाद धरती आज जैसे दिख रही है वैसे ही काफी उस समय दिख रही थी।
इतने बड़े आकाल के बाद धरती फीर से सामान्य हो गई थी।

 इस तरह पृथ्वी पूरी तरह से विकसित हो  गयी।दोस्तो अगले पोस्ट में आप लोगो को में इंसानों का जन्म पृथ्वी पे कैसे हुआ ये बताऊंगा।
                               ।धन्यवाद।

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